डिज़ाइन स्टूडियो

सी-28 ए.के.ए. 309

कहां से शुरुआत हुई

नीचे दिया चित्र वेरा+ की उस प्रतिकृति का है जिसे यू.के. के एन.ई.सी. मोटर प्रदर्शन में 1982 में प्रस्तुत किया गया था। प्युजोट इंजीनियरों का मुख्य उद्देश्य था कि ड्रैग कोफिसिएंट को कम से कम रखा जाए। अगर यह प्रतिकृति प्युजोट 309 से भिन्न है तब भी काफी हद तक समान भी है। मुख्य ढांचा और दरवाज़े काफी हद तक समान हैं।

रोजेक्ट का अध्यन

ऊपर से नीचे तक आप सी-28 के अध्यन से जुडे़ चित्र देख सकते हैं। इसका मुख्य भाग वेरा+ से मिलता जुलता है।
चित्रों में असल अकार दर्शाया गया हे। अगर आगे का भाग समान लगता है (ग्रिल को छोड कर) तो पिछला भाग ध्यान देने योग्य है।

डैशबोर्ड

कार का डैशबोर्ड पहले की प्युजोट कारों से काफी मिलता जुलता है और स्टीयरिंग व्हील भी प्युजोट 305 से समान है, जिसे टालबोट सलोरा श्रृंखला में भी लगाया गया था। हालांकि आखिरी स्वरूप में डैशबोर्ड थोडा अलग कर दिया था। यात्रियों के बैठने की जगह को फिर से बनाया गया और खरोज को इस प्रकार से ऊपर उठाया गया कि असली ग्लवबाक्स लगाया जा सके। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सारे मोड गोलाकार कर दिये गये।
यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि आगे आने वाली सारी कारो के डैशबोर्ड ने प्युजोट 309 से प्रेरणा ली, खास तौर पर प्युजोट 405 और 605. प्युजोट 605 ने प्युजोट 309 मार्क 2 से काफी प्रेरणा हासिल की।

तीसरे पक्ष के स्टूडियो

प्युजोट 309 इस्टेट या ‘ब्रेक’

प्युजोट के प्रस्तुतिकरण के कुछ समय के उपरांत ही प्युजोट ने इस्टेट संस्करण का अध्यन शुरू कर दिया था। इस कार्य को पूर्ण रूप से ह्युलुज़, एक फ्रांस की कम्पनी जो कार निर्माताओं के निर्माण कार्य व डिज़ाइन के कार्यों को देखती थी, को सौप दिया गया। इस प्रतिरूप को मुख्यतः पेरिस के 1986 के मोटर प्रदर्शन में प्रस्तुत किया जाना था मगर प्युजोट यह करने से काफी घबरा रही थी। फिर ह्युलुज़ ने 1988 मे इस कार को जिनेवा मोटर प्रदर्शन में प्रस्तुत किया। प्रतिरूप टू इन वन माडल के रूप में दिखाया गया, दाहिने पांच दरवाजे वाला प्रतिरूप है और बाईं तरफ तीन दरवाज़े वाला है।
ठीक इसी वक्त प्युजोट इस बात का अध्यन करवा रही थी कि यह इस्टेट प्रतिरूप बाज़ार में सफल होगा भी कि नहीं। अगर अध्यन के निष्कर्श सही भी होते तब भी इस प्रतिरूप को बाज़ार में लाने में देर हो चुकी थी, क्योकि प्युजोट 306 पर अध्यन शुरू हो गया था, जिसे प्युजोट 309 के स्थान पर लाना था। प्युजोट ने और गलती नहीं की और फिर प्युजोट 306 का इस्टेट संस्करण बाज़ार में लाया गया\

रुआऊ डिज़ाइन स्टूडियो और उसके प्रतिरूप

ग्रुआऊ जो कि एक फ्रांस की कोच निर्माता कम्पनी थी ने भी अध्यन में भाग लिया। पहला डिज़ाइन 1986 मे बन कर तैयार हुआ। ग्रुआऊ को आलोचकों से पता चला कि बूट बहुत ही ऊंचा है, जिससे कि भारी सामान रखने में खासी दिक्कत होती। इस पर कम्पनी ने 309 के ग्राहकों को एक समाधान उपलब्ध कराया जिसमें बूट में दोनो पिछली लाइटों के बीच स्थान नीचा कर दिया गया। इस समाधान से भारी सामान भी रखने में आसानी हो गयी, और अंततः प्युजोट 309 मार्क 2 में इसी प्रकार का बूट है।
इसी समय के मध्य ग्रुआऊ ने एक कन्वर्टिबल डिज़ाइन का अध्यन भी शुरू कर दिया। इस प्रोजेक्ट को 1987 में पूर्ण कर लिया गया और यह प्युजोट 205 काब्रियोलेट से काफी प्रेरणा लेता हुआ दिखा, जिसे कि पिनिनफरीना ने बनाया था। प्युजोट 309 कन्वर्टिबल के मध्य में एक बार दे दिया गया जिससे अतिरिक्त मज़बूती मिल गयी और उसका हुड पीछे की तरफ बंद हो जाता था। प्युजोट इस प्रोजेक्ट के पक्ष में पहले नहीं थी मगर जब उसने देखा कि रेनाल्ट का कन्वर्टिबल संस्करण रेनाल्ट 19 काफी पसंद किया जा रहा है तब उसने प्युजोट 306 का कन्वर्टिबल प्रतिरूप बाज़ार में उतारा।

इटड इंटीग्रल

प्युजोट 309 का ब्रेक प्रतिरूप ‘मोडुल आर’ पेरिस के टनिंग मोटर प्रदर्शन मेम सन 1987 में फ्रांसीसी कम्पनी इटड इंटीग्रल के द्वारा प्रदर्शित किया गया। यह कार असल में एक 309 है जिसका कि पिछला दरवाज़ा हटा कर इस प्रकार लगाया गया कि वह कार की छत से मिल जाए। यह कार इस्टेट संस्करण की ही तरह है, मगर ज़्यादा भिन्नता नहीं हैं।

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