एशिया

भारत में प्युजोट 309

पी.ए.एल.-प्युजोट लि., संयुक्त उद्यम जो कि फ्रांस की कार बनाने वाली कम्पनी प्युजोट और प्रीमियर आटोमोबाइल के प्रयासों से बनी थी, ने अब प्युजोट 309 माडल भारत के बाज़ार से वापस कर लिया है। इस कम्पनी का यह फैसला तब आया जब उसके फ्रेंच साथी ने फैसला लिया कि भारत में 309 के सी.के.डी. प्रतिरूप को नहीं भेजा जा सकता।
इस वजह से फ्रांसीसी प्रतिरूप का यहां निर्माण और बिक्री दोनो ही बन्द हो गये, अफसरों ने कहा है कि जे.वी. कम्पनी अभी भी प्रीमियर 118 एन.ई. प्रतिरूप का उत्पादन करती रहेगी। मांग बहुत कम होने के चलते, कम्पनी के कल्याण स्थित कारखाने में हफ्ते के केवल चार दिन ही एक पाली में काम होता है। इस समय कम्पनी 118 एन.ई. की मात्र दो या तीन कारें ही बना रही है।
जे.वी. के गठन के बाद, प्युजोट ने अपने 309 प्रतिरूप को बाज़ार में उतारा था, जबकि प्रीमियर ने अपने 118 एन.ई. प्रतिरूप को कम्पनी के ज़रिए उतारना तय किया। शुरुआते के रुझान के बाद भी जब प्युजोट का माडल भारतीय बाज़ार में प्रस्तुत किया गया, उसकी बिक्री कभी भी अच्छी नहीं रही, बताते चलें कि भारतीय बाज़ार में मारुति की इस्टीम बहुत अच्छ प्रदर्शन कर रही थी। 309 के प्रीमियम खण्ड के बाज़ार में आते ही कम्पनी की मुश्किले और बढ गयी थी।
भारत में 1996 में जब आटो बाज़ार के क्षेत्र में उछाल आया, तो प्युजोट के महंगे प्रतिरूप इसके पहले शिकार बने। इसी श्रेणी के और प्रतिरूप जैसे कि गनरल मोटर की ओपेल, देवू की सेलो और फोर्ड की एस्कार्ट भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही थीं।
असल में बाज़ार की स्थिति को भांपते हुए, देवू मोटर ने अपनी सेलो कार के दाम में 1.80 लाख की कमी तक कर दी। हालांकि स्वदेशीकरण और मात्रा में ज्यादा होने के चलते मारुति की इस्टीम कार ने बाज़ार को अपने कब्ज़े में ले लिया।
पाल – प्युजोट के इस फैसले के बाद कि 309 कारें अब भारत में नहीं बेंची जाएगी, हज़ारों प्युजोट 309 के मालिकों के मन में शंका भर गयी, मगर फ्रांसीसी कम्पनी ने उन्हे भरोसा दिलाया कि कार के कल पुर्ज़े भारत में उपलब्ध रहेंगें। मगर कार की सर्विस अभी भी समस्या बनी हुई थी, क्योंकि बहुत कम इंजीनियरों को 309 की सही सर्विस करना पता है। और जिन भी ग्राहकों ने कार की बुकिंग करायी थी, उनके सामने दूसरा माडल लेने के सिवा और कोई चारा नहीं बचा। यह फैसला कम्पनी की तरफ से इसलिए आया क्योकि लगभग 50 प्रतिशत कारें आने से पहले ली रद्द हो चुकी थी।
कापीराइट 1998 इंडियन एक्सप्रेस अखबार (बम्बई) लि.

जापाने में प्युजोट 309

मानें या न मानें प्युजोट 309 केवल यूरोप में ही नहीं बेंची गयी। इस कार ने वास्तव में हज़ारों किलोमीटर नावों पर भी सफर किया। हमने अभी देखा कि यह कार भारत में भी प्रस्तुत की गयी, मगर इसे जापान में भी प्रस्तुत किया गया।
जापान में यह कार 1987 में ही प्रस्तुत की जा सकी वह भी जी.टी.आई. माडल के रूप में (तीन दरवाज़े, बायीं तरफ स्टीयरिंग और मैनुअल गियर बाक्स के साथ), और बाकी के जो 309 माडल यहां बेंचे गये वह वास्तव में यूरोप से आयात किये गये। एम.के.II दो रूपों में प्रस्तुत किया गया, इसमें बांई तरफ और दांई तरफ स्टेयरिग थी और दो अलग अलग इंजन लगे थे (XU9JAZ के साथ मैनुअल गियर बाक्स और XU9J1 के साथ स्वचलित गियर बाक्स था)।
यहां प्युजोट 309 के तीन माडल थे : प्युजोट 309 एस.आई., ब्लान्च और जी.टी.आई.। इसमें से पहली वाली अक्टूबर 1990 में पांच दरवाज़ों के साथ प्रस्तुत की गयी थी। इस कार में 1905 सी.सी. का इंजन (XU9J1) लगा था जो कि 100 हार्स पावर का था। यह कार केवल स्वचलित गियर बाक्स के साथ उपलब्ध थी और ग्राहक तीन रंगों में इसका चुनाव कर सकते थे: काला, ग्रेफाइट सिलेटी और चेरी लाल। इसकी कीमत जापानी मुद्रा में 2,450,000 थी (लगभग 16,200 यूरो)। प्युजोट 309 जी.टी.आई. को 1987 में प्रस्तुत किया गया और इसका 3 दरवाज़े वाला माडल चार रंगों में उपल्ब्ध था : काला, ग्रेफाइट सिलेटी, चेरी लाल और मैगनम मेटैलिक सिलेटी। यह कार जापानी मुद्रा में 2,810,000 (लगभग 18,540 यूरो) में बेंची गयी, इसमें मैनुअल गियर बाक्स था ओर यह 120 हार्स पावर शक्ति उत्पन्न करती थी। जब एल.एल.डी और जी.टी.आई. माडल सफल रहे तब कम्पनी ने अक्टूबर 1990 में प्युजोट 309 जी.टी.आई. का नया संस्करण बाज़ार में उतारा, यह था आर.एच.डी. और इसमें स्वचलित गियर बाक्स लगा था। इस कार की कीमत जापानी मुद्रा में 3,150,000 (लगभग 20,810 यूरो) थी और यह एक तीन दरवाज़े वाला माडल था। इस बार मेटैलिक मैग्नम सिलेटी रंग नहीं उपलब्ध था। पांच दरवाज़े वाला माडल यूरोप से मंगाया जाता था और थोडी ज़्यादा कीमत पर उपलब्ध था। आखिरी माडल जो जापान में प्रस्तुत किया गया वह प्युजोट 309 ब्लान्च था या ブランチ (“बूरोन्शियू”, एक जापानी नाम था और इसका मतलब जापानी में सफेद है)। यह कार अगस्त 1992 में बाज़ार में प्रस्तुत की गयी और इसकी कीमत एस.आई. माडल के बराबर रखा गया।
प्युजोट 309 1987 में जापान में प्रस्तुत की गयी और दिसम्बर 1993 तक बाज़ार में रही।
दुर्भाग्यवश इस कार की सबसे बडी प्रतिद्वंद्वी प्युजोट की ही 205 जी.टी.आई. साबित हुई और इसे कार पत्रिकाओं से काफी प्रसिद्धि प्राप्त हुई। सारे माडलों में एयरकंडीशनिंग मानकों के अनुसार थी।

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