चतुर्थ अध्याय

एक अज़ीबोगरीब नाम

आज तक लोग यही समझते हैं कि 309 एक प्युजोट कार नहीं हो सकती क्योकि उसका नाम ही बहुत अजीबोगरीब है। हम भी मानते हैं कि 309 का नाम 205 और 405 से बहुत अलग है, मगर जैसा कि हमने पहले अध्यायों में देखा प्युजोट के पास और कोई विकल्प भी तो नहीं था। उस समय भी प्युजोट एक तार्किक नाम की खोज में था मगर तब उस कार को उसकी कीमत भी चुकानी पड सकती थी। गलत तरीके से 304 और 305 का नाम रखने के बाद, सी-28 का एक अलग नाम होना चाहिए था। प्युजोट 40x नामों के बारे में भी सोच सकती थी मगर हमे ध्यान देना चाहिए कि 405 ने असल में 305 का स्थान लिया था। प्युजोट कार का नाम 306 भी रख सकती थी मगर वह नाम वक्त समय की कारों से काफी दूर हो जाता। अगर आपको अभी लगता है कि यह नाम काफी अजीबोगरीब है, तो क्या 304 और 305 नहीं हैं।

नाम के पीछे का रहस्य

प्युजोट के पास और कोई विकल्प नहीं था सी-28 का नाम रखने के लिए। यह नाम एक श्रृंखला से सम्बद्ध था और 309 नाम उसने एक बार में ही नहीं रखा था। ध्यान देने योग्य बात यह है कि कार के कई नाम रखे गये और कम्पनी ने उन्हे बार-बार बदला। पहला नाम रखा गया 300 जो एक साथ तीन बातों पर ध्यान देकर रखा गया था। 1. यह नाम कार को 30x श्रृंखला से जोडता था, 2. इसमें 304 और 305 से जुडी गलतियों के सुधार को दर्शाता था, 3. यह कार की श्रृंखला नाम को शुरु से स्थापत्य देता था। मगर बाद में इसे अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि आने वाली कारों के नाम 301, 302 रखने पडते। बाद में कम्पनी ने एक बडा नाम रखने के उद्देश्य से कार का नाम 306 रखने का फैसला किया। प्युजोट जापान को भी ध्यान में रखे था, जहां उसे अपनी कारें बेंचनी थी। प्युजोट का जापानी कम्पनी आस्टिन रोवर जापान के साथ समझौता था। जापान में संख्या 9 को अशुभ माना जाता है इस वजह से किसी व्यापारिक चीज़ का नाम में यह नहीं जोडा जाता है। प्युजोट को 309 और 308 में से अच्छा नाम सोचनें में काफी परेशानी भी हुई मगर बाद में नाम 308 रख दिया गया। सारे दस्तावेज़ छप गये, आपूर्तिकर्ताओ को भी जानकारी दे दी गयी मगर न जाने क्यों नाम में कुछ गलती पायी गयी। मगर कार के प्रस्तुतिकरण के दो माह पहले ही कार का नाम बदल कर 309 रख दिया गया। बैज बदल दिए गए, छपे दस्तावेज़ भी कार्य में लाये गये मगर भूल सुधार के बाद। नाम बदलने का मुख्य कारण और अधिक समय की ज़रूरत थी। वैसे क्या आपको यह कहानी पता है कि कैसे अन्तिम समय में टालबोट कार का बिल्ला प्युजोट में बदल दिया गया था? इसी कार्य को हम चीनी फुसफुसाहट के नाम से जानते है!

बिल्ला

आपने 309 क बिल्ला ज़रूर देखा होगा, यह असल में 205 और 405 से की ही तरह है। मगर क्या आपको पता है कि इसका दूसरा संस्करण भी था? असल में प्युजोट ने एक अलग फोन्ट का इस्तेमाल किया था मगर उसके कुछ अक्षर गायब थे। जिस कम्पनी ने वह फोन्ट बनाए थे उससे अ़क्षर 9 बनाने को कहा गया क्योंकि वह नहीं बनाया गया था। कार के प्रस्तुतिकरण के कुछ माह पहले ही उक्त कम्पनी ने अन्तिम बिल्ला बना कर प्युजोट को प्रदान किया था। चित्र छपने के लिए भेज दिए गए थे।

फिर अचानक विपरण विभाग ने अपने वरिष्ठो को बताया कि बनावट में कुछ खामियां हैं। उनके अनुसार, इसपर फिर से विचार करना चाहिए था क्योंकि बनावट को पुराने तरीके का होना चाहिए था। अंक 3, 0 और 9 के अनुपात में सही नहीं था और थोडा कोणीय भी था। प्युजोट ने इस विचार का समर्थन किया और फ़ोन्ट कम्पनी से नया बिल्ला बनाने को कहा। कुछ हफ्तों के उपरांत नया बिल्ला बनाकर भेजा गया तो उसे स्वीकार कर लिया गया। हालांकि नया बिल्ल बनने में ज़्यादा समय लग गया मगर पुराने बिल्ले का निर्माण समय रहते बन्द कर दिया गया था, फिर भी कुछ कारे जो पहले से ही बन चुकी थीं उनमें वही पुराना बिल्ला लगा रहा। बिल्ले का दूसरा संस्करण आगे आने वाली कारों के बिल्ले को भी प्रेरित किया।

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